Saturday, February 21, 2009

दर्द हैं इन आँखों में , जो वो समझ नहीं पाते,
कुछ बात है उनमे ऎसी कि, हम कुछ कह नहीं पाते,
है जो हक़ हमारा उनपे, हम जता नहीं पाते,
हँस लेते है हम मग़र मुस्कुरा नहीं पाते।

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