किसी का हैं सपना, पहाड़ो पे हो एक घर अपना,
किसी ने माँगा उनका हाथ और अपने यारो का साथ,
किसी की चाहत हैं अपना अलग जहां बनाने की,
किसी ने चाहत की बस यार की बाहों में खो जाने की,
पर लगा कर उड़ रहे कुछ सपने सागर के उस पार भी,
जहाँ नितांत सन्नाटे में गूंजे आहात उनके प्यार की,
किसी के दिल में पल रहे मनमौजी के ख्वाब भी,
और चाहत की उन्होंने दोस्त घर और प्यार की,
कुछ शायद अब भी अपने सपने बुन रहे हैं,
और कुछ उन्हें पूरा करने की धुन में हैं....
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